हूँ - 7

तंतु सारे लपेट लिए
अपने शरीर पर
और चमड़े के परों से
ढक लिए सब
इस दुनिया से दूर.
बाहर से देखने पर
चमड़े की एक गेंद बस,
बहुत बड़ी, निर्जीव,
कभी कोई आएगा
एक चाक़ू लिए
और कुरेदेगा मेरे पंख
तब भूख मिटेगी मेरी.

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