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दिसंबर, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बोतल

मोटे कंबल में छुपा देखा तुम्हें. और मैं रोके रखना चाहता था तुम्हें सिर्फ शब्दों से! सवेरे, सब छलकेगा.

शोक

उठा खिड़की से बाहर देखा बारिश रुक चुकी थी, हाथ लगा कर देखा आँख सूज चुकी थी काली भी होगी ही. जाने किसका कमरा है यह खिड़की से बाहर कूदा ऊंची सड़क के इस ओर जगह जगह पानी भर गया था, मटमैला पानी, एक गड्ढे के पास घुटनों पर बैठ आँख देखनी चाही पर अँधेरा कुछ ज्यादा था कुछ दिखा नहीं, छुआ, लगा कुछ दिन तो काली रहेगी ही. कुछ दूर एक पेड़ दिखा, कोई फल हो शायद, था भी, उछल कर तोडना चाहा पर दूर था. शायद कमरे में कोई मेज़ हो, कुछ न था बस दीवार से निकली ईटों का ढेर था, शायद काफी हों- न थीं. वहीँ बैठ गया. फिर बारिश होने लगी. कमरे की ओर देखा पर उठा नहीं- कुछ देर में ही शर्ट भारी हो गई थी पानी सोख-सोख कर. कमरे में पहुँचने तक बारिश रुक गई थी. सो गया. काँप रहा था बुखार से, फटे होठ नमकीन थे, सात कदम दूर माँ खड़ी थीं, उनकी ओर बढ़ा पर फिर भी सात कदम दूर खड़ी थीं. होठ अब भी नमकीन थे पर फटी त्वचा दांतों में आ नहीं रही थी. सोचा दूर जाऊँगा तो भाग कर पास आएंगी, पर फिर भी सात कदम दूर थीं. अचानक अहसास हुआ कह रही थीं वे मुझसे - "

धूप

कोहरा अभी छंटा नहीं था, जाकेट की बाँहों में ठण्ड भर आई थी, मुड़ा, सामने सूरज दिखा एक ऊँचे मकान के ऊपर. गरमाहट की उम्मीद बँधी कुछ, पर उगता सूरज पीछे छुप गया पास आते मकान के.

गर्म सोता

जाने क्या बनेगा पर हाथ सने हैं मिट्टी से और उड़ रही है धूल हर ओर, भर रही है फेफड़ों में, बंद कर रही है रोमकूप, धुंधला रही हैं दिशाएं सभी, और कोई नहीं है आस-पास हाथ धुलवाने को.

शार्क

चित्र
शार्कों के हमलों की हैं ये सर्दियाँ, बढ़ रहे हैं हमले. किसी का दाहिना हाथ तो किसी का बायाँ पैर ले गईं झपट के, चुपके से वार कर भाग लेती हैं दूर. हाँ, बढ़ रहे हैं हमले, पिछले दस साल के औसतन ६० के बजाय ६६ हमले विश्व भर में; केवल ४ मौतें. पर ऐसे तो दुकान चलेगी नहीं, इसीलिए, शार्कों के हमलों की हैं ये सर्दियाँ. *** Jaws का पोस्टर, अगर शार्कें किसी वकील को जानतीं तो मानहानि का दावा ज़रूर ठोकतीं.