बीज

वह जो एक चुप्पी का बीज बोया था तुमने
खामोशियों का जंगल बन खड़ा है अब,
इस जंगल में भटकती कभी दिख जाती हो तुम
तो सचमुच मेरे जैसी ही लगती हो।

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