सब कुछ वही तो नहीं, पर है वहीँ.

जहाँ यह गली मुड़ी हुई है, वहीँ कभी घर था मेरा
एक याद की तलाश में यहाँ चला तो आया हूँ
पर सारे घर बदल गए हैं इस मौहल्ले के
घर क्या, घरवाले भी सब बदल गए हैं
और जो नहीं बदले हैं उन सबों ने नए मुखौटे पहन लिए हैं.

वह याद, वह याद यहाँ नहीं रहती.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Fatal Familial Insomnia

शायद यह सब

तेरे कैनवस दे उत्ते