देवियाँ

वे आती हैं मेरे पास
जो कुछ मैं कह नहीं पाता
उनके कानों में उतार देता हूँ,
फिर वे चली जाती हैं कहीं
जो मिलता है, उन्हें कुछ ऊल जलूल सुना देती हैं - मेरे नाम पर।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Fatal Familial Insomnia

शायद यह सब

तेरे कैनवस दे उत्ते