नक्श फर्यादी है

कलम झटकी है किसी ने
लाल धब्बे उभरे हैं
कागज़ पर जमी अर्थों की परत पर।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Fatal Familial Insomnia

शायद यह सब

तेरे कैनवस दे उत्ते