प्रतीक्षा

घर भर गया है
पारदर्शी शीशियों से,
सब खाली है
लगभग अदृश्य,
अर्थों की प्रतीक्षा में.

...

ठीक हैं.
यहीं बैठ कर
कुछ कांच फोड़ते हैं
छन
छन
छन.

कांच के टुकडों पर
घूमेंगे थोडा,
नीली दीवारों के बीच.

टिप्पणियाँ

Lipi ने कहा…
Kaanch chan chan chan phootta hai?

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