सूँ साँ माणस गंध

कुछ खुशबुएँ
कड़ी मेहनत के बाद भी
बोतलों में नहीं उतरती.
न तो आसवन से
और न मोम लगी पट्टियों से.

इन खुशबुओं से बना
एक मुखौटा चाहिए
बस तभी मिल सकेगा
इतना प्यार कि
मेरे टुकड़े सजाना चाहें वे
अपने घरों में.

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