वह

मक्खियाँ नहीं बैठती उसपर
बड़ी खास है वह।
इतनी स्वच्छ की गंगा भी
उसे छूकर पवित्र होती है।
उसके कटे केशों से
हूर अपने विग बनाती है,
और उसके फैट से
अपने नहाने का साबुन।

उसी साबुन से फाइट क्लब का बम बना था।

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