नया सवेरा - ३

उग आया फिर से
भुरभुरा सा चाँद
काले आसमान में।

पर उगा नहीं फिर भी
हरे पानी वाली झील में
उसका प्रतिबिम्ब।

हाँ, कंकर फैंको तो
एक चमक उठती हैं
काली बूंदों में।

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