दरवाज़ा

अनजाने ही,
या शायद जानभूझ कर,
बंद करली तुमने वह खिड़की
जिससे दीखती थी तारों से उलटी टंगी बारिशें
और बूंदों में प्रतिबिंबित सूर्य.
गीली घास में खेलते बच्चे
और नन्हीं-सी फुदकती गेंद.

मैं था उस खिड़की का खुला दरवाज़ा.

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