विजयदशमी

हर विजयदशमी पर
रावण-वध कर
राम भी ऊब गए होंगे.

सोचते होंगे
सारी सेना का नाश कर
उसे बंदी  बना लेता
तो कितना बेहतर  होता.
उन्ही पापों के लिए
कितनी बार जलेगा बेचारा.
बस हार कर ही तो
वह बुरा बन बैठा.

टिप्पणियाँ

Asha Joglekar ने कहा…
सही कहा, हारा इसीसे बुरा । वरना वह तो अपनी बहन के अपमान का बदला ले रहा था ुसने सीता को लाया तो सही पर ुसकी मर्जी नही थी तो ुसे छुआ भी नही पर इतिहास तो विजेता ही लिखते हैं ।
सही है, एक जुर्म के लिए कई बार सज़ा नहीं दी जा सकती :)

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