मौसम

कप के निशान का भूत
आज भी चाय की टेबल पर
वहीँ बैठा है
जहाँ तुमने रख छोड़ा था,
आज भी भाप में उठती हैं
अदरक की तेज गंध,
आवाज़
तेल में उतरती पकोड़ियों की.

टिप्पणियाँ

ये तो कप में तूफ़ान वाली बात कर दी आपने :)

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