राज़
सब के पास होता
एक ऐसा राज़
जिसे बाँटकर वे
बना लेते हैं ख़ास
किसी भी मित्र को.
देखो तो ज़रा सुमी
तुम्हें कोई दीखता है क्या
ऐसा राज़
मेरे आस-पास -
वादा रहा
किसी और को नहीं बताऊंगा
मैं अपना वह राज़.
एक ऐसा राज़
जिसे बाँटकर वे
बना लेते हैं ख़ास
किसी भी मित्र को.
देखो तो ज़रा सुमी
तुम्हें कोई दीखता है क्या
ऐसा राज़
मेरे आस-पास -
वादा रहा
किसी और को नहीं बताऊंगा
मैं अपना वह राज़.
टिप्पणियाँ
tum kisi aur ko apna raaz batao naa batao...par tum mere liye bahut khaas ho.... aur hamesha rahoge...love u :)