ऊँचाई

मैंने
अपनी ख़ुशी के लिए
खुद का आविष्कार किया.

वह सब किया
जो उस पल करना चाहा.
खुद को सबसे ऊंचा माना.


पर
एहसास हुआ
धीरे-धीरे
बेमतलब था
यह सारा भटकाव.

न मुझसे उभरा कोई मतलब
न औरों को देने दिया.
(ऊंचा जो था मैं!)

टिप्पणियाँ

‘अपनी ख़ुशी के लिए
खुद का अविष्कार किया.’

ये तो खुदखुशी हुई भैय्या :)

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