सपना
सपनों की भीड़ में
अपना समझ बैठा था
किसी गलत सपने को.
अगर मेरा होता,
मिल ही गया होता अब तक
एक छोर तो कम-से-कम.
खोज जारी है
घूमती दुनिया में
मेरे असली सपने की.
जाने किस कोने में
छिपा बैठा है वह.
अपना समझ बैठा था
किसी गलत सपने को.
अगर मेरा होता,
मिल ही गया होता अब तक
एक छोर तो कम-से-कम.
खोज जारी है
घूमती दुनिया में
मेरे असली सपने की.
जाने किस कोने में
छिपा बैठा है वह.
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