चीख

आsss...
आsss...
आsss...

सोचेंगे
मज़ाक उड़ा रहे हो.

कौन?

पाठक!
और कौन?

चीखना है मुझे!

लिखो
क्यों चीख नहीं सकते.

आsss...

उफ़!
लिखो
क्यों चाहते हो चीखना.

देखना चाहता हूँ
गर्म खून
बहता हुआ
अपने सिर से,
पर
ऐसा कर नहीं सकता
इसीलिए...
आsss...
आsss...
आsss...

टिप्पणियाँ

देखना चाहता हूँ
गर्म खून
बहता हुआ

बेजा मत बहाओ, दान करो:)

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शायद यह सब

जुराब

राज़