बरसात की एक रात




छाता लिए
बारिश में गई.
पर तेज़ हवाएं.
कोई ख़ास फ़ायदा न था,
छाते का.

तेज़ हवाएं थी.
उलट गया छाता.
कुछ तीलियाँ भी टूट गई,
अब अगली बारिश में भी
इसका कोई फ़ायदा न होगा.

घर आते,
सीढियां चढ़ते वक़्त,
पाँव फिसला
और खोपडी बचाने में
हाथ भी टूट गया.

हाय!


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टिप्पणियाँ

Lipi ने कहा…
Aila...My picture :O

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