तालाब के बीच

आजाद
या
पीठ दिखाकर...
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बाँध कर
अपनी पसंदीदा किताबें,
कपड़े,
तस्वीरें.

जीना चाहती हैं-
नए चेहरों के बीच
नए अंदाज़ में.
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माँ
मुझे सुन सकती हो?
कुछ कह रही हूँ तुमसे...

यहाँ
यह घर (?)
मैंने बनाया हैं,
अब तो विश्वास कर लो
मेरी काबिलियत पर,
मेरी सोच पर.

अकेली...
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चाबी
एक डब्बे में बंद,
लकड़ी के
कांच के ढक्कन वाले,
मेज़ पर रखे,
यिन-यांग के बीच,
बैंगनी फूलों से भरे
कंटीले तारों से घिरे
एक द्वीप पर,
साँपों से भरे
हरे पानी वाले
तालाब के बीच.

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