ख्वाब
भयावह फिल्मों में मेरी कोई भूमिका नहीं है आखिर माँ हूँ मैं। जलते हुए घरों से उनके नीचे छुपे तहखानों से और खून उगलती लाशों से बहुत दूर चली आई हूँ मैं। त्रासदियों की अगरबत्ती से मुँह फेर चुकी हूँ मैं, अब मेरे हिस्से में हैप्पिली एवर आफ्टर है। आखिर माँ हूँ मैं मृत्यु को हरा अमरत्व पाया है मैंने।