कीचड में नन्ही परी
मम्मी लौटी थीं कहीं से बेंच पर बैठे, पापा इंतज़ार कर रहे थे कीचड़ में खेल रही थी एक नन्ही-सी परी. कल यह भी बन सकती है एक नंबर ४, ५, ६, १०, १२ या अब तक दिखी सब में सबसे भयावह, the worst, क्योंकि यह ५ साल की थी - १८ साल की चिंकी नहीं, क्योंकि इसमें बोतल डाली गई थी २३ की उम्र में सरिया नहीं. क्योंकि बाकी सब तो अब रोज-मराह की बात हो गईं हैं, शायद आम बात भी. और जिम्मेदार हैं कई - विदेशी, धार्मिक, राजनैतिक हमारी पुलिस, लापरवाह माँ-बाप, पितृसत्ता. बस एक वही ज़िम्मेदार नहीं, वह बेचारा तो उपज है हमारे समाज की, बस वही कर रहा है जो हमने सिखाया है उसे, घुटनों पर रेंगता, उठ भी नहीं सकता, pressure cooker हैं, फटने को तैयार, हल्का-सा धक्का, और फट पड़ा बेचारा.