दफ़न
बस कल ही तो वह दौड़ी दौड़ी आई थी
पहला दाँत टूटा था उसका
और दोस्तों के कहने पर
मिट्टी में दबा आई थी।
और आज उसकी आँखों में
एक दहशत की परछाईं है
और वे कहते हैं दफ़ना आऊं उसे
कहीं दूर की मिट्टी में
चुपचाप।
पहला दाँत टूटा था उसका
और दोस्तों के कहने पर
मिट्टी में दबा आई थी।
और आज उसकी आँखों में
एक दहशत की परछाईं है
और वे कहते हैं दफ़ना आऊं उसे
कहीं दूर की मिट्टी में
चुपचाप।
टिप्पणियाँ