लोरी
उसकी गोद में सिर रखे
लड़ रहा था उससे
अभी तुम लड़की ही हो
पर वो न मानी।
फिर अचानक
फूट पड़ी उसके होठों से
एक पुरानी लोरी
जो न सुनी थी मैंने, बरसों में
जो घर में, खेतों में काम करती
तगड़ी औरतें गाती थीं
अपने होने का एहसास दिलाती।
लड़ रहा था उससे
अभी तुम लड़की ही हो
पर वो न मानी।
फिर अचानक
फूट पड़ी उसके होठों से
एक पुरानी लोरी
जो न सुनी थी मैंने, बरसों में
जो घर में, खेतों में काम करती
तगड़ी औरतें गाती थीं
अपने होने का एहसास दिलाती।
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