डर/ दीवार

नहीं, मना कभी नहीं किया
बस एक डर बिठा दिया मुझ में
जब जब कुछ कहूँ, जो तुम्हें पसंद न हो
तब तब तुम बंद कर दोगे मुझसे बात करना
और फिर मुझे देनी होगी सफाई
अपनी ग़लती कि.

...

बस थोड़ा-सा समय ही तो माँगा था मैंने
आत्मसात करने के लिए तुम्हारे शब्द
बस उतनी ही देर में खड़ी कर ली तुमने
ये दीवारें.
और तुम्हारी देखा देखी
मैंने भी वही किया.
 
बस दरवाज़ा बनाना भूल गया. 

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