Every Day Is Exactly The Same
WhatsApp पर भेजी कविता पढ़
उसने कहा अच्छी है पर
लाइफ गोज ऑन.
कुछ ऐसा लिखों जिससे
आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले.
पर लिखूं कैसे जब
मेरे कमरे की दीवार पर टंगी घड़ी
कब से बंद पड़ी है?
हर दिन बस
पिछले दिन जैसा,
और हर रात
उसी टोली का शोर?
काश मैं घर में नहीं
रेल के किसी डिब्बे में रहता.
उसने कहा अच्छी है पर
लाइफ गोज ऑन.
कुछ ऐसा लिखों जिससे
आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले.
पर लिखूं कैसे जब
मेरे कमरे की दीवार पर टंगी घड़ी
कब से बंद पड़ी है?
हर दिन बस
पिछले दिन जैसा,
और हर रात
उसी टोली का शोर?
काश मैं घर में नहीं
रेल के किसी डिब्बे में रहता.
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