Anhedonia
हर आज
कहीं दूर पहुँच जाता हूँ,
हर आज
थक कर चूर होता हूँ,
हर आज
सो जाता हूँ,
हर आज
कुछ और महसूस नहीं होता.
हर आज
एक भीड़ आती हैं,
हर आज
चहचहाती हैं,
हर आज
गुम हो जाना चाहता हूँ,
हर आज
भीड़ मुझ-सी नहीं होती,
हर आज
अलग रह जाता हूँ,
हर आज
कुछ महसूस नहीं करता.
कहीं दूर पहुँच जाता हूँ,
हर आज
थक कर चूर होता हूँ,
हर आज
सो जाता हूँ,
हर आज
कुछ और महसूस नहीं होता.
हर आज
एक भीड़ आती हैं,
हर आज
चहचहाती हैं,
हर आज
गुम हो जाना चाहता हूँ,
हर आज
भीड़ मुझ-सी नहीं होती,
हर आज
अलग रह जाता हूँ,
हर आज
कुछ महसूस नहीं करता.
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हतचेतन ?