सेतु पर
नीली दीवारों के बीच
नरगिसी फूलों के साथ
हर रात,
कैद हो जाती हूँ
एक सेतु पर
दो दुनियाओं के बीच.
हर रात,
पूरे संकल्प के साथ,
चादर ओढ़ कर
खुदसे कहती हूँ,
सोना पड़ेगा-
दिन भर काम करने के लिए,
खुदको स्वस्थ रखने के लिए,
वरना...
नरगिसी फूलों के साथ
हर रात,
कैद हो जाती हूँ
एक सेतु पर
दो दुनियाओं के बीच.
हर रात,
पूरे संकल्प के साथ,
चादर ओढ़ कर
खुदसे कहती हूँ,
सोना पड़ेगा-
दिन भर काम करने के लिए,
खुदको स्वस्थ रखने के लिए,
वरना...
टिप्पणियाँ
खुदको स्वस्थ रखने के लिए,
सोना पड़ेगा,और जागना पड़ेगा
कल की पोष्ट लिखने के लिए।
अच्छा लिखते है लिखते रहें
हमारी शुभकामनायें आप के साथ है।