शव भक्षी
कहीँ कुछ लाशें
मिल जाएँ थोक में,
आ जाते हैं वहीँ
ये अजीब से मकोड़े।
इन लाशों से
बनाते हैं अपना मुकुट
राज करने के लिए
भविष्य की लाशों पर।
कुछ ही दिनों में
ग़ायब हो जाता है
लाशों का ढेर.
रह जाते हैं मकोड़े
सिर्फ़ मकोड़े
इंतज़ार मैं...!
मिल जाएँ थोक में,
आ जाते हैं वहीँ
ये अजीब से मकोड़े।
इन लाशों से
बनाते हैं अपना मुकुट
राज करने के लिए
भविष्य की लाशों पर।
कुछ ही दिनों में
ग़ायब हो जाता है
लाशों का ढेर.
रह जाते हैं मकोड़े
सिर्फ़ मकोड़े
इंतज़ार मैं...!
टिप्पणियाँ
और अब वे खाएंगे पहले खुद अपनी माँसपेशियाँ
फिर चबाएंगे एक-एक हड्डी
मरना तय है