सफेदी
कमरे में आया मैं
सफ़ेद दीवारें और सफ़ेद हो चली थी-
जैसे किलिमंजारो की बर्फ ओढ़ ली हो.
वह लेटी थी.
जबड़ा हिला हुआ था.
शांत तो नहीं लग रही थी.
झूठे!
वह लेटी थी.
जबड़ा हिला हुआ था.
शांत तो नहीं लग रही थी.
झुका मैं
उसका माथा चूमा
शीतल,
बहुत ठंडा था
एकदम ठंडा
और कुछ ठंडक
अप्राकृतिक ठंडक
उसके मिजाज़ से उलटी
मुझमें चली आई,
बैठ गई पसर कर
मेरे पूरे अस्तित्व पर.
सफ़ेद दीवारें और सफ़ेद हो चली थी-
जैसे किलिमंजारो की बर्फ ओढ़ ली हो.
वह लेटी थी.
जबड़ा हिला हुआ था.
शांत तो नहीं लग रही थी.
झूठे!
वह लेटी थी.
जबड़ा हिला हुआ था.
शांत तो नहीं लग रही थी.
झुका मैं
उसका माथा चूमा
शीतल,
बहुत ठंडा था
एकदम ठंडा
और कुछ ठंडक
अप्राकृतिक ठंडक
उसके मिजाज़ से उलटी
मुझमें चली आई,
बैठ गई पसर कर
मेरे पूरे अस्तित्व पर.
टिप्पणियाँ
उसके मिजाज़ से उलटी
मुझमें चली आई,
बैठ गई पसर कर
इस ठंडक का इलाज??????
-ये क्या है यारो?