फिर हरी होंगी
सदाबहार
वृक्षों का एक वन
उसका सीना
मंगलगान गाते
थे नन्हें कुछ पंछी
घने वन में
छुपते पत्तियों में
कुछ हिरण
गहरा घना वन
बाढ़ भी लेता सोख.
_______
हवा तेज़ थी
टहनी से टहनी
रगड़ उठी
दावानल महान
रण-प्रांगन लाल.
_______
स्नेह से सींची
उर्वर रणभूमि
घास बिछाई
कुछ पौधे लगाए
एक बीज मेरा भी :
"पतले पत्ते
लिए उगेगा पौधा
तुम्हारा यहाँ."
फिर चहके पंछी
पर हिरण गुम.
_______
हर झाडी का
भूरा था रंग अब
शाम थी आई
लाल गुलाब तक
लगे काला कोयला
घास किसी की
चुभती अब जैसे
रेत के कण
बोया हरा धनिया
जला हुआ सा बूटा
पतले पत्ते
आग-से लाल आज
है वही पौधा :
"मुरझाए हुओं को
न देखो आज तुम
"लाल पत्तियाँ
देखो जी भरकर
ये हरी होंगी."
वृक्षों का एक वन
उसका सीना
मंगलगान गाते
थे नन्हें कुछ पंछी
घने वन में
छुपते पत्तियों में
कुछ हिरण
गहरा घना वन
बाढ़ भी लेता सोख.
_______
हवा तेज़ थी
टहनी से टहनी
रगड़ उठी
दावानल महान
रण-प्रांगन लाल.
_______
स्नेह से सींची
उर्वर रणभूमि
घास बिछाई
कुछ पौधे लगाए
एक बीज मेरा भी :
"पतले पत्ते
लिए उगेगा पौधा
तुम्हारा यहाँ."
फिर चहके पंछी
पर हिरण गुम.
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हर झाडी का
भूरा था रंग अब
शाम थी आई
लाल गुलाब तक
लगे काला कोयला
घास किसी की
चुभती अब जैसे
रेत के कण
बोया हरा धनिया
जला हुआ सा बूटा
पतले पत्ते
आग-से लाल आज
है वही पौधा :
"मुरझाए हुओं को
न देखो आज तुम
"लाल पत्तियाँ
देखो जी भरकर
ये हरी होंगी."
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