When I see them passing by - Daisy Zamora
उन्हें करीब से गुज़रते देख कभी कभी खुद से पूछती हूँ: क्या
महसूस करती होंगी वे, जिन्होंने सही होने का फैसला लिया और बनाए रखा
विवाह सारी मुसीबतों के बावजूद भले ही उनके पति कैसे भी निकले
(विलासी लंपट कलहप्रिय
बात बात में चीखने वाले हिंसक सिर पटकने वाले पागल अजीब निराले थोड़े असामान्य
सनकी जुनूनी असहनीय
बेवक़ूफ़ खतरनाक उबाऊ जंगली संवेदनाशून्य गंदे
दंभी महत्वाकांक्षी दगाबाज़ धोखेबाज़ चालबाज़ गद्दार झूठे
बेटियों पर बलात्कार बेटों पर अत्याचार करने वाले घर में बादशाह
बाहर तानाशाह) पर वे डटी रहीं
भगवान जाने क्या कुछ सहतीं.
उन्हें करीब से गुज़रते देख वार्धक्य और गरिमा से परिपूर्ण
अकेली छोड़ गईं संतानों के चले जाने के बाद
एक ऐसे आदमी के साथ जिसे कभी प्यार किया था (शायद अब वह शांत हो गया है
पीता नहीं कम बोलता है टीवी के सामने समय काटता
चप्पल घसीटता जम्हाई लेता सोता खर्राटे लेता जल्दी जाग जाता
बीमार निरापद लगभग बचकाना) खुद से पूछती हूँ :
क्या कभी वे ऐसा सपना देखने की हिमाकत करती हैं जिसमें वे विधवा हों
आज़ाद हों
और लौट रही हों जीवन की ओर अपराधमुक्त?
महसूस करती होंगी वे, जिन्होंने सही होने का फैसला लिया और बनाए रखा
विवाह सारी मुसीबतों के बावजूद भले ही उनके पति कैसे भी निकले
(विलासी लंपट कलहप्रिय
बात बात में चीखने वाले हिंसक सिर पटकने वाले पागल अजीब निराले थोड़े असामान्य
सनकी जुनूनी असहनीय
बेवक़ूफ़ खतरनाक उबाऊ जंगली संवेदनाशून्य गंदे
दंभी महत्वाकांक्षी दगाबाज़ धोखेबाज़ चालबाज़ गद्दार झूठे
बेटियों पर बलात्कार बेटों पर अत्याचार करने वाले घर में बादशाह
बाहर तानाशाह) पर वे डटी रहीं
भगवान जाने क्या कुछ सहतीं.
उन्हें करीब से गुज़रते देख वार्धक्य और गरिमा से परिपूर्ण
अकेली छोड़ गईं संतानों के चले जाने के बाद
एक ऐसे आदमी के साथ जिसे कभी प्यार किया था (शायद अब वह शांत हो गया है
पीता नहीं कम बोलता है टीवी के सामने समय काटता
चप्पल घसीटता जम्हाई लेता सोता खर्राटे लेता जल्दी जाग जाता
बीमार निरापद लगभग बचकाना) खुद से पूछती हूँ :
क्या कभी वे ऐसा सपना देखने की हिमाकत करती हैं जिसमें वे विधवा हों
आज़ाद हों
और लौट रही हों जीवन की ओर अपराधमुक्त?
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