होली
रेत झड़ती है मेरी आखों से
जंग खाने लगा है नसों में दौड़ता खून
और पथराने लगे हैं होंठ
इस होली पानी न डालना मुझपर
कीचड बन दाग छोड़ जाऊँगा.
जंग खाने लगा है नसों में दौड़ता खून
और पथराने लगे हैं होंठ
इस होली पानी न डालना मुझपर
कीचड बन दाग छोड़ जाऊँगा.
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