संग्रह

1982 में छपा था उनका तेवरी संग्रह
इमरजेंसी के दौर में, और उसके ठीक बाद
लिखा गया था वह।
उनके किसी दोस्त ने प्रतियां बांटी थी
देश भर में।
आज वह अमेरिका में है
और एक कॉपी मेरी शेल्फ पर।
कभी कभी समाचारों के बीच पढ़ लेता हूँ
तब भी शायद यही खबरें थीं।

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