कभी जन्मती नहीं कविता
वह जो बच जाती है कागज़ पर
वह कविता नहीं है.
वह जो उतरती है धीरे धीरे
फिर छानी जाती है - लगातार
काटी जाती, जोड़ी जाती है बार बार
वह जिसमें कविता होने की संभावना है
बस वह संभावना ही कविता है
वह कविता कभी जन्मती नहीं.
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