कन्हैया

साधारण सा एक जन्म
अँधेरी कैद में
आज उत्सव हो गया है.

पर
उस जन्म के बाद जो आया
उस जीवन से हम डरते हैं.

डरते हैं
आज़ादी को खुदगर्जी
द्वारका पलायन के कमजोरी
प्रेम को अश्लील
और पाखंड को पूजा मानने वाले हम.

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