हस्तलिखित
आज पहुंचा हूँ मैं यहाँ
तुम्हारे लिखे शब्द दिख रहे हैं अब,
रात भर रीट्रेस किया मैंने
हर मोड़, हर स्ट्रोक, हर दबाव को,
पर फिर वह एहसास मुझमें पनपे नहीं, जो तुममें थे।
कुछ छूट गया होगा।
तुम्हारे लिखे शब्द दिख रहे हैं अब,
रात भर रीट्रेस किया मैंने
हर मोड़, हर स्ट्रोक, हर दबाव को,
पर फिर वह एहसास मुझमें पनपे नहीं, जो तुममें थे।
कुछ छूट गया होगा।
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