समाप्ति

दांत थे उसके
नुकीले और चमकदार
यहीं पहचान थी उसकी।

चबा जाती किसी को भी
टुकड़े के साथ उंगलियां भी
हड्डी के सबसे पास मिलता
सबसे मीठा मास।

दांतों से पकड़े
लटकी रही थी वह

अब नहीं आएगी।

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