सोफ़िया - 15

दुनिया के और हिस्सों में
कोई और नाम है उसका,
उस नाम के साथ वह
ना कल्पतरुओं पर झूलती है
ना पुराणी लड़ाइयाँ लड़ती है.
पर मेरी भी जिद्द है
झूलना भी होगा, और लड़ना भी.
उसने भी रोक लगा दी है
यहाँ दिखा नहीं सकता
उसका रंग, उसकी आखें
उसकी आवाज़, उसकी कपकपाहट.
बस शब्द और विचार.
और मेरा दिया नाम.
सोफ़िया.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तेरे कैनवस दे उत्ते

Fatal Familial Insomnia

विजय ऐसी छानिये...