चुप्पी

मैं सोच नहीं रहा था
देख नहीं रहा था
जो मैं खोनेवाला था
जो खो रहा था।
बस एक पलायन था
एक दौड़ थी
उस पल में कुछ और नहीं
बस एक दर्दभरी चुप्पी थी।

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दौड़, होड़ और दिशा।

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