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जून, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फलस्वरूप

राह चलते लोग ऐसे देखते हैं इन जले अवशेषों को जैसे उनकी यादें जुडी हों इस खंडहर से। चलते चलते ठिठक जाते हैं मुड़ मुड़ कर देखते हैं कुछ एक तो कैमरे भी निकाल लेते हैं, पर मुझे निकलता देख नज़रें चुरा, चल पड़ते हैं बिना एक मुस्कान तक मेरी ओर फैंके।