अशिव

अशिव पर शिव की विजय का प्रारंभ।
बड़ा ही लम्बा नाम था तुम्हारी पेंटिंग का।
मेरी दीवार पर आज भी सजी है वह।

देखने वाले पूछते हैं, क्यों इतनी भयानक
शैतानी तस्वीर लगा रखी है वहाँ?
कहता हूँ उनसे थोडा सब्र करो अभी
कुछ देर में बहुत गर्माहट फूट पड़ेगी इसमें।

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जब कुरूप का रूप दिखेगा,
अन्तरतम अवधूत दिखेगा।

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