स्क्रिप्टेड
आजकल सब अनुभव नकली-से हो गए हैं। सब कुछ कुछ फीका-फीका सा लगता हैं। नपी-तुली सी प्रतिक्रियाएं हर दिशा से आती हैं, सारा विश्व बस एक चक्र मात्र है किसी जटिल नियमावली का अनुसरण करता। मैंने वही सब किया जो तुमने चाहा, और तुमने भी नियमावली के अनुसार प्रतिक्रिया की। पर यह सारी चालबाजी अब नकली लगने लगी हैं, इस स्क्रिप्टेड एक्सिस्टेंस से अब मैं ऊब गया हूँ।