एक आंसूं,
एक बादल का टुकड़ा,
कुछ धूप,
और चंद तारे
रखे हैं छोटी-छोटी शीशियों में,
तुम्हारी उँगलियों के इंतजार में.

यहीं एक कोने में
मायूस खड़ा है
अधूरा कैनवस.

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