सम्पाति

बर्फवाला मौसम
दुबका बैठा है
एक कोने में,
जब भी धूप खिलती है
काट देती है मुझे
एक शीत लहर
उन सबसे
खिल रहे हैं जो
सूर्य के स्वागत में.

उन्हें देख
बर्फ से जलने का अहसास
लौट आता है
मेरी हथेलियों में.

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