बादल
शाम ढले
बारिश की बूँदें पड़ी
तेज़
और बिलबिला उठे लोग.
भाग चले तलाश में
किसी भी काम-चलाऊ छत की.
पर तुम, सुमी,
रुकी रहना,
मैं भी वहीं कहीं
मिल जाऊँगा तुम्हें.
पार कर ही लेंगे हम
बारिश का मौसम.
बारिश की बूँदें पड़ी
तेज़
और बिलबिला उठे लोग.
भाग चले तलाश में
किसी भी काम-चलाऊ छत की.
पर तुम, सुमी,
रुकी रहना,
मैं भी वहीं कहीं
मिल जाऊँगा तुम्हें.
पार कर ही लेंगे हम
बारिश का मौसम.
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