अविगत गति

खाली मैदान.
दौड़ लगाती तरंगें.
कुछ नहीं, जिस पर टिक सकें.
कोई नहीं,
कम-से-कम कोई असली नहीं,
मेरी फ्रीक्वन्सी पर.

मेरी फ्रीक्वन्सी पर
कुछ मनोरंजक ही चल रहा है,
पर अँधेरे में
भयावह भी लग सकता है.

वैसे भी
बंद आखों से
सब वैसा ही दीखता है
जैसा देखना चाहो -
कुछ भी पाना मुश्किल नहीं.
फिर
कोई असली भी तो नहीं
मेरी फ्रीक्वन्सी पर.
कुछ नहीं
जिस पर टिक सकें
इस खाली मैदान में.

टिप्पणियाँ

कम-से-कम कोई असली नहीं,
मेरी फ्रीक्वन्सी पर.

हां, मैं भी नहीं बंधु :)

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