अफसाना
पानी पर लिखा था
एक प्यारा-सा अफसाना,
तैर रहा था मैं
आँखों में परियाँ भरे,
बादल में सर छुपाए
घूँट-घूँट कर चांदनी पीते.
पर धीमे से आ गई दलदल
धंसने लगा मैं नीचे,
नीला आसमान घुलने लगा
नीली दीवारों से.
एक प्यारा-सा अफसाना,
तैर रहा था मैं
आँखों में परियाँ भरे,
बादल में सर छुपाए
घूँट-घूँट कर चांदनी पीते.
पर धीमे से आ गई दलदल
धंसने लगा मैं नीचे,
नीला आसमान घुलने लगा
नीली दीवारों से.
टिप्पणियाँ
एक प्यारा-सा अफसाना,'
ध्यान रहे कि पानी पर लकीर नहीं खींची जाती :)