शिलीभूत

रेत पर
हमारे जाने के बाद
कुछ निशान बाकी थे,
आज भी वहीँ
सागर किनारे
वे निशान
दबे होंगे.

एक एक परत खुरच कर
उन्हें बाहर निकाल पाऊं,
या वहीँ,
उन दफ़न पलों के साथ
मैं भी सो जाऊं.

टिप्पणियाँ

यादों को दफ़न करना होता है ना कि उनके साथ खुद दफ़न होना ॥

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