चमत्कार की तलाश

आवाजें
किसी भूली हुई भाषा में
उठती है मुझमें.
एक शब्द तक
समझ नहीं पाता मैं
उस जानी-पहचानी भाषा का.
पर फिर भी
कोशिश करता हूँ
पहचानने की
उन आवाजों के पीछे से झांकते-
मेरे डीएनए में बसे-
किसी पिछले जनम में छुपे-
चेहरे को.

टिप्पणियाँ

nilesh mathur ने कहा…
अति सुन्दर!
Luv ने कहा…
धन्यवाद

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