डिप
नीली रौशनी से भरे कमरे में
बैठा हूँ मैं,
और तुम भी
किसी गहरे कमरे में
खुद को छुपाए बैठी हो.
ठीक हैं
यहीं बैठ कर
पान थूकते हैं,
इन दीवारों पर.
देर तक.
दूर तक,
और दूर तक...
ठीक हैं.
यहीं बैठ कर
कुछ कांच फोड़ते हैं
छन
छन
छन.
कांच के टुकडों पर
घूमेंगे थोडा,
नीली दीवारों के बीच.
ठीक हैं.
यहीं बैठ कर
रिसते हैं, मौत तक
टप
टप
टप.
बैठा हूँ मैं,
और तुम भी
किसी गहरे कमरे में
खुद को छुपाए बैठी हो.
ठीक हैं
यहीं बैठ कर
पान थूकते हैं,
इन दीवारों पर.
देर तक.
दूर तक,
और दूर तक...
ठीक हैं.
यहीं बैठ कर
कुछ कांच फोड़ते हैं
छन
छन
छन.
कांच के टुकडों पर
घूमेंगे थोडा,
नीली दीवारों के बीच.
ठीक हैं.
यहीं बैठ कर
रिसते हैं, मौत तक
टप
टप
टप.
टिप्पणियाँ
घूमेंगे थोडा,
नीली दीवारों के बीच.
और मिल जाएगा पीक के रंग मे
पैरों से रिसते रग रग का रंग :(